कितनी हिफाजत से रखते थे हम उनको
पर बदले में क्या मिला सिर्फ दर्द

कुछ रिश्ते टूट तो गए है
पर पूरी ज़िन्दगी भर ख़तम नहीं होंगे
यु जो आप नज़र अंदाज़ करते हो पर
जान लो खामोश हु पर अँधा नहीं
अगर मेरे और तेरे बीच
ये जमाना नहीं होता
खुदा की कसम
मेरी ज़िन्दगी का गुजरा अकेला नहीं होता
एक मिनट की भी जुदाई
पसंद नहीं थी जिनसे
आज उनसे हमेशा लिए फासला हो गया
आपका मेसेज बस एक मेसेज नहीं हैं
हमारे चेहरे की मुस्कान हैं
कोई ज़िन्दगी की परेशानियों से गुजरा
कोई इश्क़ में दर्द ले बैठा
कोई कागज पर दर्द लिखने लगा
और हम खुद शायर बन बैठे
अब भी चाहता हु बहुत उसको
चाहे, वो पसंद नहीं करती मुझको
ये पागल दिल थोड़ी जानता था
तुम पहले से ही चाहती हो किसी और को
पूछ लेते हैं लोग
कभी कभी तुम्हारा नाम
फिर भी मैं नहीं बताता
क्योकि मैंने तो सच्चा प्यार किया था
वो परियो सी दिखती है
देखकर खो जाता हु कही
जानता हु उन्हें पा नहीं सकता
क्योकि हम उनमे कही नहीं
जब मिलोगे कभी
तो पूछेंगे तुम्हे वो हर उलझे सवाल
जिनमे आज भी
हमारी ज़िन्दगी उलझी हुई हैं
रहेगा दर्द ज़िन्दगी भर
काश उसने हां कर दिया होता
उसे चाहा पर छु भी न सका
काश मैंने कभी, उसे देखा न होता