
हर मिलन की आस हैं मोहब्बत
सुख-दुःख का एहसास हैं मोहब्बत
फुरसत मिले तो सपनो में आया करो,
तुम्हारे बिना बड़ी उदास हैं मेरी जिंदगी “
ना जाने कब से तुम खास बन गए
अब तो बस एक झलक पाने की आस होती हैं
न जाने इजहार कर पाउँगा या नहीं
पर इतना जानता हु
एक अच्छा आशिक जरुर बन पाउँगा
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