
आज भी याद आता हैं
उनकी जुल्फों में खो जाना
दर्द तो इतना मिला था
की दिल हमेशा कहता हैं
कुछ भी कर पर प्यार दुबारा मत करना
आपकी जुल्फों की छाँव के भी
तजुर्बे कुछ अलग रहे,
जब-जब किया आपने साया,
खिलता ही रहा हूँ। मैं
जब भी हम गुज़रे पास से
वो अपनी जुल्फों से हमे
बहका देती हैं
न जाने कौन सा शैम्पू लगाती हैं
प्यार का मौसम बना देती हैं
वो जब भी हमारे नजदीक से गुजरती हैं
उनके जुल्फों से गजब की खुशबु निकलती हैं
तुम्हारी जुल्फों में खोकर
हमे ख्याल आया
की तुम कोई और नहीं
सिर्फ हमारी ज़िन्दगी हो
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